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नारी के यौन शोषण की यह पौराणिक कथा आपने मन को व्याकुल कर देगी

नारी के यौन शोषण की यह पौराणिक कथा आपने मन को व्याकुल कर देगी

एक थी माधवी. बेहद खूबसूरत, अत्यंत आकर्षक. राजा ययाति की यह बेटी किसी गुण में कम नहीं थी.  राजा ययाति ने अपनी बेटी माधवी को उसकी इच्छा के विरूद्ध अपने गुरु गालव को भेंट में दे दिया. यहीं से आरंभ होती है माधवी की बर्बादी की कथा. 
ऋषि गालव ने माधवी को तीन राजाओं को एक-एक वर्ष के लिए भेंट में दे दिया. सिर्फ इसलिए कि उसे अपने गुरु विश्वामित्र को गुरु दक्षिणा में मूल्यवान घोड़े देने थे.  हर राजा से गालव ने 200 मूल्यवान घोड़े लिए. जबकि उसे कुल जमा 800 घोड़े देने थे. इधर हर राजा ने माधवी से संतान की उत्पत्ति की. 

राजाओं से प्राप्त घोड़ों को उसने अपने गुरु विश्वामित्र को गुरु दक्षिणा के रूप में दिया.  बचे हुए 200 घोड़ों का इंतजाम नहीं हो सका तो गालव ने माधवी को ही विश्वामित्र को भेंट कर दिया.  माधवी विश्वामित्र के पास तब तक तक रही जब तक उसने एक पुत्र को जन्म नहीं दिया. 
जब विश्वामित्र को पुत्र की प्राप्ति हुई तब गालव ने माधवी को वापिस लेकर उसे उसके पिता ययाति को लौटा दिया क्योंकि अब माधवी उसके किसी काम की नहीं थी.  महत्वपूर्ण तथ्य तो यह है कि इस दौरान वह खुद भी माधवी के साथ अंतरंग संबंध बनाता रहा. 
यह कथा अपने आप में इस बात का उदाहरण है कि नारी की स्थिति उस युग में भी चिंतनीय थी. अगर एक राजा की बेटी, राजकुमारी होकर माधवी इतनी अजीबोगरीब हालात से गुजर सकती है  तो उस युग की निम्न वर्ग की नारियों की स्थिति की कल्पना ही की जा सकती है.    

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