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इस अखाड़े से 1000 किन्नर जुड़ चुके है, जिसे 10,000 तक पहुंचाना है, जानिए किन्नर अखाड़े के कुछ नियम

इस अखाड़े से 1000 किन्नर जुड़ चुके है, जिसे 10,000 तक पहुंचाना है, जानिए किन्नर अखाड़े के कुछ नियम

देशभर के किन्नरों ने पिछले 6 महीनों में अपना एक अलग अखाड़ा खड़ा कर लिया है, जो की मध्य प्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ महाकुंभ में सबसे बड़ा आकर्षण है. हालांकि अखाड़ा परिषद ने इसे मान्यता नहीं दी है. लेकिन किन्नर अपने इस अखाड़े को बहुत ही शान से चला रहे हैं. शैव और वैष्णव अखाड़ों की तरह ही किन्नरों ने भी अपने अखाड़े के कुछ नियम तय बनाये हैं, जिनको मानने वाला ही इस अखाड़े में शामिल हो पाएगा. किन्नर अखाड़े की महाराष्ट्र पीठाधीश्वर पायल गुरु का कहना है अखाड़ा सिर्फ इसलिए नहीं बनाया गया है कि हम धर्म के क्षेत्र में कोई दखल देना चाहते हैं, दरअसल इस अखाड़े का मकसद है किन्नरों की छवि को बदलना. शादी और जन्म के मौके पर जो किन्नरों की बधाई टोली चलती है उनको छोड़कर जो किन्नर रेल या अन्य जगहों पर पैसा मांगते हैं या कोई ऐसा काम करते हैं जिससे किन्नरों की छवि खराब होती है, उन लोगों को बदलने के लिए प्रेरित करना इस अखाड़े का मूल उद्देश्य है. तो चलिए जानते हैं किन्नर अखाड़े के कुछ नियम….

किन्नरों के बनाये गये अखाड़े के 10 नियम Important rules of Trans Arena in Hindi
1. गुजरात के अहमदाबाद में बहुचरा माता का मंदिर है, जिन्हें मुर्गे वाली माता भी कहते है, ये किन्नरों की कुलदेवी है. किन्नर अखाड़े में भी इनकी पूजा सबसे पहले की जाती है.
2. किन्नर अखाडे के द्वारा देशभर में दस मठ बना लिए गए है. इन मठों में पीठाधीश्वरों की नियुक्ति भी हो चुकी है.
3. किन्नर अखाड़े द्वारा गुरु-शिष्य परम्परा के अंतर्गत देशभर के किन्नरों को संत बनाकर अखाड़े से जोड़ा जा रहा है.
4. अखाड़े का दावा है कि अब तक 1 हजार किन्नर दीक्षा ले चुके है और इस आंकड़े को 10 हजार तक पहुंचाया जाना है.
5. किन्नर अखाड़े में शामिल होने की पहली शर्त यह है कि उसे वो सब काम छोड़ने पड़ेंगे जो वो अभी तक करता आया है.
6. गुजरात, बिहार, राजस्थान सहित जो दस मठ बनाए गए है, उनमे से किसी एक पीठाधीश्वर को गुरु बनाना होगा.
7. जो भी किन्नर अखाड़े में शामिल किया जाएगा, उसे अखाड़े के नियमों को मानना पड़ेगा. इसके बाद ही उसे दीक्षा दी जाएगी.
8. किन्नर अखाड़े में संतों के अलग-अलग पद होंगे, जैसे अखंड महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, महंत आदि.
9. सिंहस्थ के दौरान किन्नर अखाड़े में कई यज्ञ होंगे. इसके लिए किन्नर पंडित भी देश के दस मठों से आएंगे.
10. किन्नर शुभ कार्यों को छोड़कर अन्य किसी जगह पैसे नहीं मांगेंगे और ना किसी को मूल रूप से परेशान ही करेंगे.

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