ताजमहल का इतिहास
इश्क एक इबादत है तो ताजमहल उस इबादत की जानदार तस्वीर, मोहब्बत की इस अजिमोशान ईमारत को देखकर लोग आज भी प्यार पर भरोसा करते है, क्योकि इस प्यार में समर्पण, त्याग, ख़ुशी और वो सबकुछ है जो इश्क को मुकम्मल जहा देता है।
प्यार की मिसाल माना जाने वाला दुनिया का यह अजूबा, भारत का गर्व है। इस अद्भुत स्मारक को सफ़ेद संगमरमर से शाहजहाँ द्वारा उसकी बेगम मुमताज़ की याद में बनवाया गया था। दुनिया का हर एक इंसान आज ताजमहल देखने की चाह रखता है क्योकि इसे मोहब्बत का मंदिर कहा जाता है। यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह ईमारत एकविस्मरणीय स्थल है।

1631 में, शाहजहाँ के साम्राज्य ने हर जगह अपना जीत का परचम लहराया था। उस समय Shahjahan की सभी बेगम में उनकी सबसे प्रिय बेगम मुमताज़ महल थी। लेकिन पर्शियन बेगम मुमताज़ महल की मृत्यु अपने चौदहवे बच्चे को जन्म देते समय हो गयी, उनके चौदहवे बच्चे का नाम गौहर बेगम था। Taj Mahal का निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ (शासनकाल 1628 से 1658) ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था, ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ।
शाहजहाँ चाहते थे की दुनिया मुमताज़ और उनकी प्रेम कहानी को हमेशा याद रखे, इसीलिए उनकी याद में वे कुछ इतिहासिक धरोहर बनाना चाहते थे। जिसमे ताजमहल का निर्माण हुआ।
ताजमहल भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के तट पट स्थित एव विश्व धरोहर मकबरा है। ताजमहल में मकबरे और महेमानघर का भी समावेश है और साथ ही इसके दोनों और गार्डन्स भी है।
ताजमहल का निर्माण लगभग 1643 में ही ख़त्म हो गया था लेकिन फिर भी उसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिये और 10 सालो तक काम किया गया। ताजमहल का निर्माण तक़रीबन 1653 में पूरा हो गया था और उस समय उसे बनाने में लगभग 32 मिलियन रुपयों का खर्चा लगा था, ताजमहल का निर्माण जानकारी के अनुसार 25000+ कारीगरों ने किया था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है।
सन 1983 में ताजमहल, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया। रबिन्द्रनाथ टैगोर ने अपने लेख, “दी टियर-ड्राप ऑन दी चीक ऑफ़ टाइम” में उस समय मुग़ल कालीन बहोत सी वस्तुकलाओ का वर्णन किया था, और भारतीय इतिहास की महान कृतियों को दुनिया के सामने रखा था।
हर साल ताजमहल को लगभग 9 से 10 मिलियन लोग देखने आते है। 2007 में, ताजमहल को दुनिया के 7 आश्चर्य की सूचि में भी शामिल किया गया था।


- ताजमहल से जुड़ी कई रोचक बातें हैं। उनमें से 16 रोचक बातें निम्नलिखित हैं -

1. ताजमहल, भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इतिहास के अनुसार इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। 

2. ताजमहल को बनाने में 22 वर्ष का समय लगा था। इस को बनाने का काम 1632 में शुरू हुआ था जो 1653 में ख़त्म हुआ। 

3. कहा जाता है कि 
ताजमहल को बनाने में लगभग 22000 मजदूरों का हाथ था। ऐसा भी कहा जाता है, कि शाहजहाँ ने उन कारीगरों के अंगच्छेदन आदि करा दिये थे, या मरवा दिया था, जिन्होंने ताजमहल का निर्माण कराया था। परंतु इसके पूर्ण साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। 

4. ताजमहल आगरा नगर के दक्षिण छोर पर एक छोटे भूमि पठार पर बनाया गया था। इतिहासकारों के अनुसार शाहजहाँ ने इसके बदले जयपुर के महाराजा जयसिंह को आगरा शहर के मध्य एक वृहत महल दिया था।

5. ताजमहल के निर्माण की अनुमानित कीमत में भी भिन्नताएं हैं, फिर भी कुल मूल्य लगभग 3 अरब 20 करोड़ रुपए, उस समयानुसार आंका गया है, जो कि वर्तमान में खरबों रुपयों से भी अधिक हो सकता है। 

6. ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली भारतीय
, फ़ारसी, तुर्क और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा मिश्रण है। 

7. ताजमहल को सम्पूर्ण भारत एवं एशिया से लाई गई सामग्री से निर्मित किया गया था। कुल मिला कर अठ्ठाइस प्रकार के बहुमूल्य पत्थर एवं रत्न श्वेत संगमर्मर में जड़े गए थे। 

8. ताज महल का केन्द्र बिंदु है, एक वर्गाकार नींव आधार पर बना श्वेत संगमर्मर का मक़बरा। जिसमें एक विशाल वक्राकार द्वार है। इस इमारत के ऊपर एक वृहत गुम्बद सुशोभित है। मुख्य आधार के चारो कोनों पर चार विशाल मीनारें स्थित हैं।

9. इस कॉम्प्लेक्स को घेरे है विशाल 300 वर्ग मीटर का चारबाग, एक मुगल बाग। इस बाग में ऊँचा उठा पथ है। यह पथ इस चार बाग को 16 निम्न स्तर पर बनी क्यारियों में बांटता है।

10. बाग के मध्य में एक उच्चतल पर बने तालाब में ताजमहल का प्रतिबिम्ब दृश्यमान होता है। यह मकबरे एवं मुख्यद्वार के मध्य में बना है। यह प्रतिबिम्ब इसकी सुंदरता को चार चाँद लगाता है। 

11. 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, ताजमहल को ब्रिटिश सैनिकों एवं सरकारी अधिकारियों द्वारा काफी विरुपण सहना पड़ा था। इन्होंने बहुमूल्य पत्थर एवं रत्न को खोद कर दीवारों से निकाल लिया था। 

12. वर्ष 1908 के लगभग यहाँ के बागों को ब्रिटिश शैली में बदला गया था। वही शैली आज भी दर्शित हैं। 

13. विश्व की अनेक इमारतें और स्मारक 
ताजमहल से प्रेरित होकर बने हैं। चीन के शेनज़ेन शहर के पश्चिमी भाग में स्थित विंडो ऑफ़ द वर्ल्ड थीम पार्क में ताजमहल की प्रतिकृति बनी है।

14. वर्ष 1983 में ताजमहल को युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। 

15. ताजमहल प्रत्येक वर्ष 20 से 40 लाख दर्शकों को आकर्षित करता है, जिसमें से 2,00,000 से अधिक विदेशी होते हैं। 

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