Headlines
टीपू सुल्तान : जिसने भारत को युद्ध में रॉकेट लॉन्चर चलाना सिखाया

टीपू सुल्तान : जिसने भारत को युद्ध में रॉकेट लॉन्चर चलाना सिखाया

टीपू सुल्तान एक नाम जो कि कुछ लोगों के लिए देशभक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर है तो कुछ अन्य लोगों के लिए एक अत्याचारी, हिंदू विरोधी या अवसरवादी शासक के रूप में है. कर्नाटक के मैसूर में टीपू सुल्तान ने अपना अलग गौरवमयी इतिहास लिखा था.

कर्नाटक में एक ओर जहां टीपू सुल्तान की जयंती पर सरकार जश्न मनाने जा रही है तो वहीं कुछ कट्टरपंथी लोग और इतिहासकार टीपू सुल्तान को एक मुस्लिम अत्याचारी शासक, अवसरवादी और देशद्रोही के रूप में प्रदर्शित करके तनाव और टकराव की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं.
1. 18वीं शताब्दी में टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के दक्षिण तक अपना शासन फैलाने के सपने को अपनी बहादुरी, वैज्ञानिक सोच और साहस के दम पर सफल नहीं होने दिया था.
2. टीपू सुल्तान ने अपने शासन के दौरान कर्नाटक के मैसूर में अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की थी और साथ ही तकनीकी पार्क (Techology Park) भी बनवाये थे.
3. अंग्रेजों ने दशकों पहले टीपू सुल्तान की छवि एक अत्याचारी और कट्टर मुस्लिम के रूप में प्रस्तुत की थी जिसके कारण आज लोग और यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां भी टीपू सुल्तान को एक कट्टर मुस्लिम, अवसरवादी, रेपिस्ट, हिंदू विरोधी ही मानती और बोलती हैं.
4. मैसूर के टाइगर(Tiger of Mysore) के नाम से प्रसिद्ध टीपू सुल्तान को वहीं कई इतिहासकारों ने एक धर्मनिरपेक्ष, प्रगतिशील शासक के रूप में प्रस्तुत किया है जिसने अपने राज्य की तरक्की और वृद्धि के लिए लगातार बिना रुके काम किया और अपने राज्य में उपलब्ध सबसे अच्छी तकनीकी को लेकर आए थे.
5. इस बात के पुख्ता सबूत उपलब्ध है कि टीपू सुल्तान ने अपने राज्य में शासनकाल के दौरान उद्योगों की स्थापना की और साथ ही उनका विकास भी किया था.
6. टीपू सुल्तान ने सिल्क के व्यापार की नींव डाली थी और साथ ही विदेशी उन्नत तकनीकी को अपने राज्य में लाने का प्रयास भी किया था.
7. टीपू सुल्तान ने धन के सबसे बेहतरीन उपयोग के लिए बैकिंग नेटवर्क की भी स्थापना की थी जहां पर लोग अपना पैसा जमा करते थे और कुछ समय या कम से कम एक साल बाद उसे ब्याज या Nafa के साथ निकाल भी लेते थे.
8. एक ऑस्ट्रेलियन शोधकर्ता Kate Brittlebank ने अपनी पुस्तक “Tiger: The Life of Tipu Sultan” में लिखा हो कि टीपू सुल्तान एक चौड़े सीने, गहरे रंग औऱ छोटी मूंछों वाला व्यक्ति था. यद्यपि टीपू सुल्तान से मुस्लिम धर्मांतरण को बढ़ावा दिया था लेकिन एतिहासकारों ने कभी भी उसे एक कट्टरपंथी या अवसरवादी की तरह प्रदर्शित नहीं किया.
9. टीपू सुल्तान के बड़े से राज्य के शिक्षा और रेवेन्यू जैसे महत्वपूर्ण विभाग गैर-मुस्लिम लोग संभालते थे और उन्हें कभी भी धर्म की वजह से किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हुई थी.
10. अक्टूबर साल 1788 में टीपू सुल्तान ने फ्रांस के साथ व्यापार के लिए एक समझौता किया था. समझौते के अनुसार फ्रांस, भारत से कालीमिर्च, चंदन और कॉटन आदि वस्तुएं ले जाना चाहते थे लेकिन टीपू सुल्तान ने इसके लिए शर्त रखी कि व्सतुओं के बदले में उन्हें हथियार,कैनन और लकड़ी से बनी हुई वस्तुएं चाहिये थी. फ्रांस के लोगों ने इस शर्त को स्वीकार किया तो मैसूर में तकनीकी के साथ बहुत सारा धन भी आया था.
11. टीपू सुल्तान से इस बात को महसूस किया कि 1700 के दशकों और 1790 के बीच के समय में यूरोप में तकनीकी के कारण बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया है. टीपू सुल्तान ने भारत के दक्षिण भारत के क्षेत्र में बंगलौर, श्रीरंगपट्टनम में फैक्ट्रियां स्थापित करने की ना केवल योजना बनाई बल्कि उन्हें अमल में भी लेकर आए.

राकेट के प्रयोग की शुरुआत

12. साल 1780 में हुए पहले एंग्लों-मैसूर युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट कंपनी के सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर करने के लिए टीपू सुल्तान ने सबसे राकेट का प्रयोग किया था. इन राकेटों को शुरुआत में हाथ से ही छोड़ा जोता था लेकिन फिर बाद में वे गाड़ियों के प्रयोग के राकेट दुश्मनों के ऊपर डालने लगे.
13. एंग्लों-मैसूर के नाम से चार लड़ाइयों का इतिहास मिलता है जिसमें टीपू सुल्तान ने अपनी बहादुरी और समझ से अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिये थे.

Related Articles

0 Comments: