जब भी स्टीम इंजन की बात आती है तो जो नाम हमारे ज़ेहन में सबसे पहले आता है वो है “जेम्स वाट” का लेकिन फरवरी 28 1663 को डार्टमाउथ, इंग्लैंड में जन्मे थॉमस न्यूक्मेन (Thomas Newcomen) की कहानी बहुत कम ही लोग जानते होंगे और बहुत कम लोग जानते होंगे की वो न्यूक्मेन ही थे जिन्होंने पहले आधुनिक स्टीम इंजन का प्रारूप तैयार किया था. वो पेशे से एक लोहार थे, उन्होंने जिस इंजन का आविष्कार किया था उसे हम “एटमोस्फियरिक स्टीम इंजन” के नाम से जानते है.
भाप से चलने वाली मशीनों पर जारी थी न्यूक्मेन की शोध
थॉमस सेवरी जो की पहले से ही भाप से चलने वाली मशीनों की अवधारणा पर शोध में लगे हुए थे, वो थॉमस न्यूक्मेन को अपने पास काम पर रख लेते है क्यूंकि उनको अपने इंजन के लिए लोहे को ढालने वाले एक कारीगर की जरूरत थी और न्यूक्मेन एक लोहार होने के कारण इसमें माहिर थे. न्यूक्मेन ने सेवरी की मशीन की एक कॉपी अपने पास रखने की अनुमति सेवरी से ले ली थी और उसे अपने घर के गैराज में स्थापित किया जहाँ पर वो सेवरी के डिजाईन को और ज्यादा बेहतर बनाने में लगे हुए थे.
जिद्दी थे न्यूक्मेन
जॉन कैली जो की थॉमस न्यूक्मेन की उस वक्त एक बेहतर इंजन बनाने में मदद कर रहे थे न्यूक्मेन की ही तरह अशिक्षित थे और मकेनिकल इंजीनियरिंग के बारे में कुछ नहीं जानते थे पत्राचार के माध्यम से विज्ञानी “रोबर्ट हुक” से मदद ले रहे थे लेकिन हुक ने उनको बताया की उनका प्लान बेकार है और इससे उनको कोई रिजल्ट नहीं मिलने वाला पर जिद्दी न्यूक्मेन और कैली अपने काम पर लगे रहे…
थॉमस न्यूक्मेन और जॉन कैली ने मिलकर एक बेहतर इंजन तैयार कर लिया जो की स्टीम सिलेंडर, पिस्टन, सरफेस शीतलक, और कुछ पम्पस् से मिलकर बना था जो की एक मिनट में 6-8 स्ट्रोक्स पूरे करता था जिसे बाद में और ज्यादा बेहतर करके 10-12 स्ट्रोक्स तक ले आया गया
शुरुआत में उनके इंजन को हायगेन्स के पिस्टन इंजन का ही प्रारूप माना गया जो इससे पहले कभी नही बन पाया था लेकिन बाद में इस बात की पुष्टि हुई की थॉमस न्यूक्मेन और जॉन कैली का इंजन सेवरी के इंजन का बेहतर स्वरुप है जिसके बाद उनके बनाये इंजन ने लगभग 50 वर्षों तक दुनियां भर की खानों में अपना काम बखूबी निभाया जब तक जेम्स वाट के स्टीम इंजन ने जन्म नहीं लिया ….
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