दोस्तों चिड़ियों की यादें आज भी हमारे ज़हन में ताज़ा है दोस्तों प्यारी चिड़िया कभी घर में लगे शीशे पर चोंच मारती तो कभी घाट के नज़दीक आती लेकिन दोस्तों बदलते दौर के साथ आज चिड़िया काफी कम जगह पर दिखाई देती है दोस्तों इंसान के बेहद करीब रहने वाली कई प्रजाति की पक्षी और चिड़िया आज हमारे बीच से गायब है दोस्तों आज हम आपको इन्हीं नन्हीं सी चिड़ियों के बारे में गजब की बातें बताने जा रहे रहे हैं | Amazing Facts About Sparrow In Hindi



1. यह नन्ही चिड़िया अब कहीं –कहीं ही देखने को मिलती है इसका भविष्य पूरी तरह ख़तरे में मंडरा रहा है और गौरया को एक बार फ़िर से बुलाने के लिए हमें अपने घरों में उनके घोंसलों के लिए थोड़ी सी जगह उपलब्ध करवानी होगी ताकि वहां अपना घोंसला बनाकर आसानी से अंडे और बच्चों को जन्म दे सकें ।

2. चिड़िया पहाड़ी इलाकों में बहुत कम देखने को मिलती है ।

3. चिड़िया की लंबाई लगभग 14 से 16 सेंटीमीटर तक होती है।

4. घरों में चीं – चीं करती नन्ही चिड़िया (Sparrow) अब लगभग विलुप्त हो चुकी है।

5. गौरया यानि के चिड़िया एक बहुत ही छोटा सा सुंदर सा पक्षी है।

6. पुराने समय में चिड़िया का कच्चे घर की मोरी , गाडर के बीच आदि घोंसला हुआ करता था ।

7. एक बार में यह नन्ही चिड़िया तीन बच्चों को जन्म देती है ।

8. गौरया (Sparrow) अधिकतर झुंडों (Herds) में पाई जाती है।

9. गौरया सफ़ेद और हल्के भूरे रंग में पाई जाती है इसकी चोंच पीली और छोटे –छोटे पंख इसे सुंदर बनाते हैं ।

10. इसका रहन बसेरा मनुष्य के घरों में जा इसके आस –पास ही होता है ।

11. भोजन की ख़ोज में चिड़िया कई मीलों तक का सफ़र तय कर लेती है।

12. चिड़िया आज के समय का संकट ग्रस्त पक्षी है जो तेज़ी से अलोप (Vanish) हो रहा है।

13. इसका मुख्य कारण घौंसलों के लिए उचित स्थानों की कमी का होना , पेड़ पौधों की तेज़ी से होती कटाई। 

14. हर वर्ष 20 मार्च को गौरया दिवस मनाया जाता है। ताकि लोगों में इस नन्हे से पक्षी के प्रति जागरूकता (Awareness) बढ़ सके।

15. नन्ही सी चिड़िया को अलग -अलग जगहों पर अलग अलग नामों से पुकारा जाता है जैसे चिड़ी , चिमनी ,चकली ,चेर आदि l




16. यह नन्ही चिड़िया फ़सलों में पाए जाने वाले कीटों को खत्म करने में एहम योगदान अदा करती है परन्तु फ़सलों पर कीटनाशक दवाईओं का इस्तेमाल होने से इनकी संख्या में बहुत कमी आई है।


लगभग हर साल 1000 पक्षी शीसे वाली खिड़कीयों से टक्कर होने के कारण मारे जाते हैं।
17. विश्व में पक्षियों की 8650 प्रजातियाँ हैं जिन में से 1230 भारत में पाई जाती हैं।
18. फिलिपिन्स में पाया जाने वाला बोया पक्षी प्रकाश में रहने का इतना शौकीन होता है कि अपने घोंसले के चारो और जुगनु भरकर लटका देता है।
19. तोतो की तकरीबन 320 प्रजातीया पाई जाती है।
20. न्युजीलैंड़ के कई पक्षी अंन्धे होते है।
21. सुतरमुर्ग पक्षी का अंडा उबालने में 4 घंटे लगते है।
22. एक मां मुर्गी दिन में लगभग 50 बार अपने अंडे को हिलाती है ताकि उसकी जर्दी उसके cell से न लग जाए।
23. एक मुर्गी को 12 अंडे देने के लिए लगभग 1।5 किलो खुराक की आवश्कता होती है।
24. तोते बहुत तरह के शब्द सही बोल लेते है। मगर तोते केवल वही शब्द सीखते है जो इन्हें सिखाए जाते है जा फिर यह नकल करते है। जंगली तोते नकल नही कर सकते। सिर्फ पालतु तोते ही नकल कर सकते है। अफरीका के भूरे तोते सबसे ज्यादा नकलची होते है।
25. जितने भी तोते घर में पिंजरे के अंदर रखने के लिए पकड़े जाते है उन में से 90 प्रतीशत अमरीका को भेजे जाते है।
26. एक अनुमान के अनुसार सन 2000 में लगभग 63 लाख घरों में 6 करोड़ पालतु पक्षी थे।

27. तोतो के सिर बड़े जबकि गर्दने छोटी होती है।
पंख-हीण बर्ड अमरीका का राष्ट्रीय चिन्ह है जैसे कि हमारे भारत का सारनाथ का चिन्ह।
28. अमरीका के मैरीलैंड में बाज का एक ऐसा घोंसला है जिसका वजन तकरीबन 1600 किलो है।
29. कबूतर भी अलटरावायलट विकरणे देख सकते है।

30. पंक्षियों को किसी भी चीज का स्वाद महशुश नही होता है क्योंकि उनके स्वाद ग्रन्थियां ही नही होती।
31. सामुद्रिक चिड़िया एक ऐसा पक्षी है जोकि खारा पानी भी पी सकता है। क्योंकि इसकी शारीरिक प्रणाली ऐसी है कि वह खारे पानी को शुद्ध कर देती है।
32. संसार में लगभग एक खरब पक्षी है।
33. दोस्तों चिड़िया फसलों में पाए जाने वाले कीड़ो को खाकर फसलों को कीड़ों से बचाती हैं लेकिन अब फसलों में कीड़ों की नाशक दवाइयों का इस्तेमाल होने से इनकी मौत हो जाती है
34. चिड़िया की घटती आबादी के पीछे सबसे बड़ा कारण है मोबाइल टावर है क्योंकि मोबाइल टावर की रेडिएशन की वजह से चिड़ियाँ के अंडे जल्दी नहीं फूटते हैं दोस्तों आमतौर पर अंडे देने के 12 से 15 दिन में चिड़िया के बच्चे बाहर आ जाते हैं लेकिन मोबाइल टावर के पास अंडा फूटने में एक महीने का समय लग जाता है sparrow facts in hindi
35. चिड़िया 46 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकती है लेकिन खतरे के समय इनकी रफ़्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाती है

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