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देश में पहली ट्रेन चलने के 56 साल बाद तक ट्रेन में यात्रियों को टॉयलेट नसीब नहीं था! भारतीय रेल के बारें में ऐसी ही 8 बेहद रोचक बातें..Everything about Indian Railway in Hindi
भारतीय रेलवे में करीब 10 लाख 60 हजार कर्मचारी काम करते हैं. इस लिहाज से भारतीय रेलवे दुनिया में लोगों को रोजगार देने वाली सातवीं सबसे बड़ी संस्था है. ऐसे में आपको जानकार हैरानी होगी कि भारत में पहली बार रेल चलने के बाद से 56 साल तक ट्रेन में टॉयलेट ही नहीं थी. शुरुआत कैसे हुई ये भी मजेदार कहानी है. 1909 में ओखिल चंद्र सेन नाम के शख्स ट्रेन से यात्रा कर रहे थे. ट्रेन में शौचालय ना होने की वजह से उन्हें तकलीफ का सामना करना पड़ा. परेशान ओखिल चंद्र सेन ने अपने बुरे् अनुभव को पत्र के जरिए साहिबगंज रेल डिवीजन को बताया. इसके बाद ही अग्रेज शासन में ट्रेन में शौचालय की स्थापना की गई. सेन की इस लेटर की इस कॉपी को रेल म्यूजियम में संभाल कर रखा गया है. भारतीय रेलवे से जुड़ी हुई ऐसी ही 8 बेहद रोचक बातें-
1.पहली बार ट्रेन कब चली, कितनी लंबा है रूट
देश में सबसे पहले 16 अप्रैल 1853 को रेलगाड़ी चली थी. जो बॉम्बे से ठाणे के बीच चलाई गई थी. फिलहाल भारतीय़ रेलवे ट्रेक की कुल लंबाई करीब 1 लाख 15 हजार किलोमीटर है जो 65 हजार किलोमीटर के रूट पर है. भारत में प्रतिदिन 11 हजार ट्रेन चलती हैं और ट्रेन में प्रतिदिन करीब 2.5 करोड़ से भी अधिक यात्री यात्रा करते हैं
1.पहली बार ट्रेन कब चली, कितनी लंबा है रूट
देश में सबसे पहले 16 अप्रैल 1853 को रेलगाड़ी चली थी. जो बॉम्बे से ठाणे के बीच चलाई गई थी. फिलहाल भारतीय़ रेलवे ट्रेक की कुल लंबाई करीब 1 लाख 15 हजार किलोमीटर है जो 65 हजार किलोमीटर के रूट पर है. भारत में प्रतिदिन 11 हजार ट्रेन चलती हैं और ट्रेन में प्रतिदिन करीब 2.5 करोड़ से भी अधिक यात्री यात्रा करते हैं
2.सबसे बड़ा और सबसे कम दूरी के स्टेशन
वर्तमान में भारत में करीब 7 हजार 500 रेलवे स्टेशन हैं. भारत का गोरखपुर रेलवे स्टेशन दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन हैं. यहां 1,366 मीटर रेलवे प्लेटफार्म है. देश में सबसे कम दूरी के स्टेशन नागपुर और अजनी है इनके बीच की दूरी महज 3 किमी है.
वर्तमान में भारत में करीब 7 हजार 500 रेलवे स्टेशन हैं. भारत का गोरखपुर रेलवे स्टेशन दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन हैं. यहां 1,366 मीटर रेलवे प्लेटफार्म है. देश में सबसे कम दूरी के स्टेशन नागपुर और अजनी है इनके बीच की दूरी महज 3 किमी है.
3.एक ही रेलवे स्टेशन दो राज्यों में बंटे हैं
भारतीय रेलवे में दो ऐसे स्टेशन हैं जो दो राज्यों में आते हैं. पहला है नवापुर यहां रुकने वाली गाड़ियां तकनीकी तौर पर महाराष्ट्र और गुजरात दोनों राज्यों में रुकती हैं. वहीं भवानी मंडी स्टेशन नाम का स्टेशन भी आधा मध्यप्रदेश और आधा राजस्थान में है.
भारतीय रेलवे में दो ऐसे स्टेशन हैं जो दो राज्यों में आते हैं. पहला है नवापुर यहां रुकने वाली गाड़ियां तकनीकी तौर पर महाराष्ट्र और गुजरात दोनों राज्यों में रुकती हैं. वहीं भवानी मंडी स्टेशन नाम का स्टेशन भी आधा मध्यप्रदेश और आधा राजस्थान में है.
4.सबसे तेज और सबसे धीमी ट्रेन
दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस भारत की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन है. इसकी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटा है. वहीं मेटूपलायम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है, जो सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन से 15 गुना धीमी है. चूंकि यह ट्रेन पहाड़ी क्षेत्र में चलती है इसलिए इसकी यह गति तय की गई है.
दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस भारत की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन है. इसकी रफ्तार 150 किमी प्रति घंटा है. वहीं मेटूपलायम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है, जो सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन से 15 गुना धीमी है. चूंकि यह ट्रेन पहाड़ी क्षेत्र में चलती है इसलिए इसकी यह गति तय की गई है.
5.सबसे लंबी दूरी और सबसे कम दूरी तय करने वाली ट्रेन
डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के बीच चलने वाली विवेक एक्सप्रेस सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन है. ये 4273 किमी का सफर तय करती है. वहीं नागपुर से अजनी स्टेशन के बीच चलने वाली ट्रेन सबसे कम दूरी तय करने वाली भारतीय ट्रेन है. दरअसल नागपुर स्टेशन से अजनी तक 3 किमी की दूरी तय करने के लिए यह ट्रेन कर्मचारियों को वर्कशॉप तक पहुंचाने के लिए चलाई जाती है.
6.नॉन स्टॉप और ढेर सारे स्टॉप वाली ट्रेन
त्रिवेंद्रम-निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस वड़ोदरा से कोटा के बीच 528 किमी. की दूरी महज 6.5 घंटे में बिना किसी स्टॉपेज़ के पूरा करती है. यह भारत की सबसे लंबी नॉन स्टॉप ट्रेन है. वहीं हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस 115 स्टॉप के साथ सबसे अधिक रुकने वाली ट्रेन है.
डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के बीच चलने वाली विवेक एक्सप्रेस सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन है. ये 4273 किमी का सफर तय करती है. वहीं नागपुर से अजनी स्टेशन के बीच चलने वाली ट्रेन सबसे कम दूरी तय करने वाली भारतीय ट्रेन है. दरअसल नागपुर स्टेशन से अजनी तक 3 किमी की दूरी तय करने के लिए यह ट्रेन कर्मचारियों को वर्कशॉप तक पहुंचाने के लिए चलाई जाती है.
6.नॉन स्टॉप और ढेर सारे स्टॉप वाली ट्रेन
त्रिवेंद्रम-निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस वड़ोदरा से कोटा के बीच 528 किमी. की दूरी महज 6.5 घंटे में बिना किसी स्टॉपेज़ के पूरा करती है. यह भारत की सबसे लंबी नॉन स्टॉप ट्रेन है. वहीं हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस 115 स्टॉप के साथ सबसे अधिक रुकने वाली ट्रेन है.
7.सबसे ऊंचा रेल पुल और भूमिगत ट्रेन
भारत में चिनाब नदी पर बनाया गया रेल पुल दुनिया का सबसे ऊँचा पुल है. इस पुल की ऊंचाई कुतुबमीनार मीनार से करीब पांच गुना अधिक है. यॆ पुल एफिल टावर से भी ऊँचा है. वहीं भारत में भूमिगत मैट्रो रेल की शुरूआत सर्वप्रथम 24 अक्टूबर 1984 को कोलकाता में हुई थी
भारत में चिनाब नदी पर बनाया गया रेल पुल दुनिया का सबसे ऊँचा पुल है. इस पुल की ऊंचाई कुतुबमीनार मीनार से करीब पांच गुना अधिक है. यॆ पुल एफिल टावर से भी ऊँचा है. वहीं भारत में भूमिगत मैट्रो रेल की शुरूआत सर्वप्रथम 24 अक्टूबर 1984 को कोलकाता में हुई थी
8.हाईटेक भारतीय रेल
1986 में पहली बार भारतीय रेलवे ने कंप्यूटराइज्ड रिजर्वेशन की शुरुआत नई दिल्ली से की. 1995 में भारतीय रेल ने रिजर्वेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड कर दिया. आनलाइन रिजर्वेशन के प्रचलित होने के बाद अब हर मिनट 12 लाख लोग इंडियन रेलवे की वेबसाइट पर आते हैं.
1986 में पहली बार भारतीय रेलवे ने कंप्यूटराइज्ड रिजर्वेशन की शुरुआत नई दिल्ली से की. 1995 में भारतीय रेल ने रिजर्वेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड कर दिया. आनलाइन रिजर्वेशन के प्रचलित होने के बाद अब हर मिनट 12 लाख लोग इंडियन रेलवे की वेबसाइट पर आते हैं.
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