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देश को मिली सौर ऊर्जा से चलने वाली पहली Train, बचेंगे 700 करोड़ रुपये हर साल

देश को मिली सौर ऊर्जा से चलने वाली पहली Train, बचेंगे 700 करोड़ रुपये हर साल

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने देश को सौर ऊर्जा से चलने वाली पहली DEMU यानी कि डीजल मल्टीप्ल यूनिट Train की सौगात दी है. 14 जून को दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन में सुरेश प्रभु ने एक कार्यक्रम के दौरान इस हरी झंडी दिखाई.
यह ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला से गुरुग्राम के फरुखनगर के बीच चलायी जायेगी. इस ट्रेन के रेल कोच को चेन्नई के रेल कोच फैक्ट्री में बनाया गया है. पहली दिन यह ट्रेन सफ़दरगंज रेलवे स्टेशन से हजरत निजामुद्दीन तक चली. आइये जानते हैं इस Train के बारे में

बैटरी बैंक की है सुविधा-
सौर ऊर्जा से चलने वाली इस लोकल ट्रेन में बैटरी बैंक की सुविधा भी है. बैटरी बैंक की वजह से सूरज की रोशनी की कमी होने पर भी यह आसानी से चल सकती है. यह बैटरी Solar Energy से रिचार्ज होगी.

बचेंगे 700 करोड़ रुपये-


Train के कोचों की बिजली से जुड़ी सारी जरूरतें जैसे लाइट, पंखा, और Electronic Notice Board ये सब सोलर पैनल्स से चार्ज होंगे. ये पैनल्स ट्रेन के डिब्बे के ऊपर लगाए गए हैं. अगले कुछ दिनों में Railway की 50 अन्य कोचों में ऐसे सोलर पैनल्स लगाने की योजना है. रेलवे की माने तो इस परियोजना से हर साल लगभग 700 करोड़ रुपये की बचत होगी.
छह कोच वाली इस ट्रेन से लगभग सालाना 21 हजार लीटर डीजल की बचत होगी. इस ट्रेन के एक कोच को बनाने में लगभग एक लाख रुपये तक का खर्च आया है.
इसके अलावा जीपीएस सिस्टम से लैस इस ट्रेन में कई एलईडी स्क्रीन भी लगाई गयी हैं और इस ट्रेन की रफ़्तार अधिकतम 110 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है.

क्या है DEMU Train-



डीएमयू ट्रेन का पूरा नाम डीजल मल्टीप्ल यूनिट होता ही. ये ट्रेनें डीजल और बिजली दोनों से चलने में सक्षम होती हैं.
जिन रूट्स पर विद्युतीकरण नहीं हुआ होता, उस पर डीएमयू ट्रेन चलती हैं. बिजली और पंखों को चलाने के लिए DEMU Train में जनरेटर डिब्बों का इस्तेमाल किया जाता है.

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