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जॉनी वॉकर : जिसने कभी शराब नहीं पी, उसने निभाया बेस्ट शराबी की किरदार

जॉनी वॉकर : जिसने कभी शराब नहीं पी, उसने निभाया बेस्ट शराबी की किरदार

बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक कॉमेडियन हैं लेकिन एक ऐसा कॉमेडियन जिसकी बराबरी शायद ही कोई कर सकता है. जी हां हम बात 60 के दशक के बेस्ट कॉमेडियन जॉनी वॉकर की कर रहे हैं, जो बिना पीये ही शराबी के किरदार में डूब जाते थे.

जॉनी वॉकर से जुड़ी दिलचस्प बातें :
‘सिर जो तेरा चकराये, या दिल डूबा जाए’, ‘जरा हट के जरा बच के ये है बॉम्बे मेरी जान’, ‘जाने कहां मेरा जिगर गया जी’ जैसे सुपरहिट गानों पर झूमने वाले जॉनी वॉकर सफलता की गारंटी माने जाते थे. चलिए आगे बताते हैं आपको जॉनी के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
1. जॉनी वॉकर का जन्म 11 नवम्बर, 1923 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में हुआ था. इनका असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था. इन्हें फिल्मी नाम जॉनी वॉकर अभिनेता गुरुदत्त ने दिया था.
2. जानी वॉकर इंदौर में छठी जमात तक उर्दू की तालीम हासिल करके साल 1942 में अपने पिता जमालुदीन काजी के साथ बॉम्बे (मुम्बई) आ गये.
3. यहां इन्होंने आर्मी कैंटीन में नौकरी कर ली. फिल्मों में कुछ करने का अरमान लेकर कुछ जानकारी हासिल करने के लिए उन्होंने बस कंडक्टर की नौकरी भी की.
4. बचपन से ही जानी वॉकर को कॉमेडी करने का शौक था. जब वे फेमस नहीं थे तब भी लोगों की नकल उतार कर सबको हंसाया करते थे.
5. उन्होंने अपना फिल्मी सफर जूनियर कलाकार के रूप में शुरु किया. उनकी पहली फिल्म ‘आखिरी पैगाम’ थी, जिसमे उन्होंने बदरुद्दीन के नाम से ही काम किया .
6. साल 1951 में उन्हें देव आनंद के साथ काम करने का मौका मिला. फिल्म का नाम था ‘बाजी’ जिसे गुरुदत्त निर्देशित कर रहे थे, लेकिन पहले गुुरुदत्त ने सक्रीनटेस्ट में इन्हें मना कर दिया था.
7. बलाउद्दीन नाम के साथ गुरुदत्त को वे समझ नहीं आये. उस समय उनके पास जॉनी वॉकर नाम की ब्रांडेड शराब रखी थी और जिसे देखकर उन्होंने उनका नाम यही रख दिया जो इंडस्ट्री में इसी नाम से फेमस हुआ.
8. फिल्म बाजी के लिए जॉनी को अभिनेता बलराज साहनी ने गुरुदत्त से मिलवाया था. इसके बाद गुरुदत्त ने फिल्म में उन्हें एक सड़क छाप शराबी का किरदार दिया.

9. फिल्म हिट रही और जॉनी वॉकर को इंडस्ट्री में पहचान मिली. इनकी अगली फिल्म ‘आंधिया’ आयी, जिसे चेतन आनंद ने निर्देशित की थी. फिल्म में देव आनन्द, कल्पना, कार्तिक और निम्मी मुख्य किरदार में थे.

10. फिल्म में अहम किरदर ना होेने के बावजूद उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. 35 साल के फिल्मी करियर में करीब 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
11. उनकी यादगार फिल्में ‘हमसफर’, ‘आर-पार’, ‘शहीदे आजम भगत सिंह’, ‘श्रीमती 420’, ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘पैगाम’, ‘रिक्शे वाला’, ‘उत्सादों का उस्ताद’, ‘आदमी’, ‘नया दौर’, ‘मेरे महबूब’, ‘हंगामा’, ‘धोती-लौटा और चौपाटी’, ‘मेरा दोस्त मेरा दुश्मन’, ‘शान’ थीं और इसके अलावा उनकी आखिरी फिल्म ‘चाची-420’ थी.
12. हर फिल्म में कुछ नया करने की चाह ने भी उन्हें अपने आपको दोहराने से बचाए रखा. जॉनी हमेशा कहते थे कि उन्हें लोगों को हंसाने, गुदगुदाने और एंटरटेन करने में एक सुकून मिलता है. जिसे वे हमेशा कायम रखे.
13. जॉनी ने कभी भी अपने कॉमेडी में किसी का मजाक नहीं उड़ाया और ना ही कोई अश्लीलता ही दिखाई. शराबी किरदार निभाते थे लेकिन कभी शराब का सहारा नहीं लिया और ना ही उन्हें रियल लाइफ में शराब पंसद थी.
14. साल 1957 में निर्देशक वेद महान ने जॉनी वाकर नाम की कॉमेडी फिल्म बनाई. जिसमें वे जॉनी लीड किरदार में थे. ये फिल्म नटराज प्रोडक्शन में बनाई गयी थी, जिसे लोगों ने पसंद किया.
15. इस फिल्म में जानी वॉकर और अभिनेत्री श्यामा मुख्य किरदार में थे. फिल्म की सफलता से खुश निर्देशक वेद महान ने अपनी अगली फिल्म ‘मिस्टर कार्टून एम.’ में भी जानी वॉकर को लीड में लिया.
16. साल 2000 में अपने आखिरी इंटरव्यू में एक बात कही थी कि आजकल जो कॉमेडी के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं लेकिन एक समय था जब हमें किसी को हंसाने के लिए डबल मीनिंग और फूहड़ता की जरूरत नहीं पड़ती थी. सेंसर बोर्ड ने कभी भी हमारे किसी सीन को नहीं काटा.
17. जानी वॉकर पर फिल्माये यादगार गाने फिल्म ‘प्यासा’ का गाना ‘सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए’, CID फिल्म का गाना ‘ये मुम्बई मेरी जान’ और ‘मिस्टर और मिसेज 55’ का गाना ‘जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी’ पर आज भी लोग सुनते हैं.
18. जॉनी ने लगभग 12 फिल्मों में हीरो का किरदार निभाया. उनके हीरो के तौर पर पहली फिल्म थी ‘पैसा ये पैसा’ जिसमें उन्होंने तीन रोल निभाये थे.
19. 70 के दशक मे जॉनी वॉकर ने फिल्मों मे काम करना काफी कम कर दिया था इसके पीछे की वजह वे कॉमेडी के स्तर गिर जाना बताया था.

20. बाद में गुलजार और कमल हसन के बहुत जोर देने पर साल 1998 में प्रदर्शित फिल्म ‘चाची 420’ में उन्होंने एक छोटा सा रोल निभाया जो दर्शकों को काफी पसंद भी आया.
21. साल 1955 में जानी वॉकर ने फिल्म अभिनेत्री शकीला बानो की बहन नूर बानो से निकाह किया. जिनसे उन्हें 3 बेटे और 3 बेटियां हुए. उनका एक बेटा नासिर खान ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. इनके बाकी बच्चे विदेश में रहते हैं.
22. इंडस्ट्री के महान कॉमेडियन जॉनी वाकर ने 29 जुलाई, 2004 को मुंबई में आखिरी सांस ली. उस समय उनकी उम्र 82 साल की थी.
23. साल 1986 में अपने बेटे की डेब्यू फिल्म ‘पहुंचे हुए लोग’ में काम किया. वो भी सिर्फ बेटे को फिल्म में पहचान दिलाने के लिए किया था. फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गयी थी. जिसके बाद उन्होंने प्रस्ताव मिलने पर भी फिल्मों में काम नहीं किया.

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