Headlines
Loading...
दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक ने कहा, पृथ्वी बन जाएगी आग का गोला

दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक ने कहा, पृथ्वी बन जाएगी आग का गोला

स्टीफन हॉकिंग का नाम कौन नहीं जानता है. इनको दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में गिना जाता है. स्टीफन ने पृथ्वी के बारे में ऐसा कुछ कहा है, जिसे सुनकर सभी लोग हैरान हो गये हैं. दरअसल स्टीफन ने कहा है कि आने वाले 600 सालों बाद इस पृथ्वी से इंसानों का वजूद खत्म हो जाएगा और ये पृथ्वी आग का गोला बन जाएगी.

अगर विज्ञान के हिसाब से देखें तो अब के समय में इंसान की औसत आयु 79 साल है. इस हिसाब से अगर जोड़ा जाए तो हमारी 8वीं या 9वीं पीढ़ी इस महाविनाश का शिकार होगी.
हॉकिंग को दुनिया में सबसे तेज दिमाग वाला इंसान माना जाता है. उनका शरीर काम नहीं करता है, लेकिन दिमाग बहुत ही ज्यादा तेज है. वो एक खगोल विज्ञानी हैं जो ग्रहों, तारों और आसमानी नक्षत्रों के बीच काम करते रहते हैं. स्टीफन हॉकिंग ने पृथ्वी के आग का गोला बनने का कारण ये बताया कि धरती की हालत लगातार बदल रही है. आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है, जंगल काटे जा रहे हैं, ईंधन का इस्तेमाल बहुत ज्यादा हो रहा है.

600 साल में धरती बन जाएगी आग का गोला



स्टीफन की माने तो जब धरती आग का गोला बन जाएगी, तब धरती पर इंसानों का वजूद खत्म हो जाएगा. इंसान ठीक उसी तरह से लुप्त हो जाएंगे जैसे धरती से डायनासोर लुप्त हो गए थे. इस बारे में उन्होंने पहले भी चेतावनी दी थी. उनका कहना है कि अब इंसानों को अपने लिए एक नई दुनिया बनानी होगी. धरती से दूर किसी अन्य ग्रह पर. अगर ऐसा में इंसान नाकाम रहे तो, इंसानों का नामो निशान मिट जाएगा.
जानकारी के अनुसार स्टीफन एक ऐसा यान बना रहे हैं, जिसकी रफ्तार इतनी तेज होगी जो कुछ सालों में आकाशगंंगा के आस-पास के ग्रहों की जांच कर लेगा. इसका नाम नैनौक्राफ्ट है. इसका काम होगा धरती जैसे किसी ग्रह की तलाश करना, जहां पानी और ऑक्सीजन हो. जिंदगी के निशान हों.
वैज्ञानिकों के अनुसार हम ‘मिल्की-वे’ आकाशगंगा में रहते हैं. हमारे पड़ोस में है अल्फा सेंटोरी आकाशगंगा मौजूद है, ये हमारे सबसे नजदीक का स्टार सिस्टम है. हमसे उसकी दूरी करीब 40,000,000,000,000 किलोमीटर की दूरी है, यानी 40 खरब किलोमीटर.
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नैनोक्राफ्ट को वहां पहुंचने में करीब 20 साल का समय लगेगा, जिसके बाद ये यान वहां पृथ्वी जैसा ग्रह तलाशेगा. वैज्ञानिकों को यकीन है कि उस आकाशगंगा में कोई न कोई ग्रह ऐसा होगा, जिस पर जीवन होगा.

0 Comments: