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Be the Man : आज है अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस, क्यों और कब हुयी इसकी शुरुआत

Be the Man : आज है अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस, क्यों और कब हुयी इसकी शुरुआत

हर साल आप और हम 8 मार्च के दिन महिला दिवस को बहुत गंभीरता से मनाते हैं और अपने आस-पास मौजूद महिलाओं को उनके योगदान के लिए धन्यवाद करते हैं. ऐसे मौके पर कई पुरुष मजाकिया तौर पर पूछते हैं कि ‘भई पुरुष दिवस भी होता है क्या’? उनके लिए जवाब है जी हां, और ये दिवस आज यानि 19 नवंबर को मनाया जाता है.
19 नवंबर 2017 के दिन अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस होता है. जानिए आखिर कब हुई इस दिन को मनाने की परंपरा की शुरुआत –

1. 7 फरवरी 1992 के दिन मिसौरी यूनिवर्सिटी, अमेरिका के प्रोफेसर थॉमस योस्टर की कोशिशों के बाद पहली बार अमेरिका, कनाडा, यूरोप के कुछ देशों में कुछ संगठनों ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया.
2. हालांकि 1995 के ईवेंट में कम लोगों की दिलचस्पी के बाद से ही कई देशों ने फरवरी में ये दिन मनाना बंद कर दिया. काफी समय तक माल्टा ही इकलौता देश बचा था जो इस दिन को फरवरी में मनाता था. हालांकि अलग-अलग देश इस दौरान अपने हिसाब से पुरुष दिवस मना रहे थे.
3. डॉ. जीरोम तिलकसिंह त्रिनिडाड एंड टोबेगो के वासी थे. उन्होंने फिर से बीड़ा उठाया जीवन में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने का. क्योंकि उनके पिता का जन्मदिन 19 नवंबर को होता था, साथ ही उनके देश ने 1989 में इसी दिन पहली बार फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालिफाय कर देश को जोड़ने का काम किया, इस वजह से जीरोम ने 19 नवंबर का दिन चुना.
4. आज 19 नवंबर का दिन लगभग 70 से ज्यादा देशों में बतौर अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के रूप में मनाया जाता है. यूनेस्को ने भी इस प्रयास की सराहना की है जबकि तिलकसिंह इस कोशिश को एक मंच के तौर पर देखते हैं जिससे पुरुषों, लड़कों को होने वाली परेशानियों के बारे में खुले तौर पर चर्चा हो सके.
5. भारत में पहली बार इस दिवस को मनाया गया 2007 में जब SAVE INDIAN FAMILY नाम की पुरुष अधिकार संस्था ने इसकी शुरुआत की.
6. खास बात ये है कि कुछ साल पहले भारत में मौजूद All India Men’s Welfare Association ने सरकार से एक खास मांग की और कहा कि वो महिला विकास मंत्रालय की तरह ही पुरुष विकास मंत्रालय भी बनाए, साथ ही राष्ट्रीय पुरुष आयोग का गठन हो, और लिंग समानता का मतलब समानता की तरह पेश करे.
7. नारी के बिना जीवन अधूरा है, लेकिन पुरुष भी उस जीवन को जीवंत बनाने में योगदान देते हैं. मां बच्चे को पेट में पालती है तो पिता भविष्य में आने वाली उसकी जरूरतों  को दिमाग में पालता है. बतौर पिता, भाई, दोस्त, दादा, चाचा, मामा, नाना पुरुष कई किरदार हमारे-आपके जीवन में निभाते हैं, जिनकी काफी अहमियत होती है.
इसलिए अगर आपके आस-पास भी कोई पुरुष हो जिसने आपके जीवन में अहम किरदार निभाया हो, तो उन्हें 19 नवंबर के दिन जरूर विश करें.

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