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NDA – भारतीय सेना के आधार नेशनल डिफेंस अकादमी के बारे में जानिये
Indian Army दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर सेनाओं में से एक है. भारत की सेना में शामिल अधिकारियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी NDA यानी कि नेशनल डिफेंस अकादमी भी संभालती है. NDA के बारे में कुछ बातें जानिये
स्थापना
द्वितीय विश्व युद्ध के दौर में भारत की सेना को मजबूती देने के लिए एक प्रशिक्षण संस्था की सेथापना पर विचार किया गया था. 2 मई साल 1945 को नेशनल डिफेंस अकादमी की स्थापना पर गंभीरतापूर्वक एक्शन लेने के लिए एक समिति गठित की गई. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉक्टर अमरनाथ झा उस समिति के अध्यक्ष थे.
6 अक्टूबर साल 1949 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू ने सेना को मजबूती देने के लिए नेशनल डिफेंस अकादमी की नींव रख दी थी जिसका उद्घाटन 16 जनवरी साल 1955 को किया गया.
युवाओं को प्रशिक्षित करना लक्ष्य
NDA का मुख्य लक्ष्य भारत के युवाओं को प्रशिक्षित करके उनकी ऊर्जा का उपयोग देश की रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए करना था. इसकी स्थापना के बाद इसके सभी कैंडिडेट्स में समानता का भाव लाने के लिए खाकी रंग की ड्रेस को अनिवार्य किया गया.
पहली मिलिट्री अकादमी
नेशनल डिफेंस अकादमी को भारत के सेना अधिकारियों को प्रशिक्षण देने वाली पहली सैन्य अकादमी कहा जाता है. यहां भारतीय सेना के तीनों अंगों जल, थल और नभ यानी नेवी के सेना अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है.
प्रवेश प्रक्रिया
NDA में भारत के युवा मात्र 19 साल की उम्र में ही प्रवेश ले सकते हैं. नेशनल डिफेंस अकादमी में प्रवेश के लिए UPSC हर साल ऑल इंडिया स्तर पर लिखित परीक्षा लेता है जिसको पास करने केबाद अन्य शारीरिक परीक्षाओं के बाद युवाओं का चयन प्रशिक्षण के लिए एनडीए में किया जाता है.
यहां पर युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से भारतीय सेनाओं में एक अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए विभिन्न कौशलों से युक्त किया जाता है.
प्रशिक्षण
यह लगभग 7500 एकड़ की जमीन में फैली हुई इस अकादमी में सेना के तीनों भागों में कार्य करने के लिए चयनित लड़कों को तैयार किया जाता है. एनडीए में चयनित छात्रों को सेना में अधिकारी के तौर पर काम करने के लिए तीन साल तक कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है.
सुबह 4 बजे से शुरु हुई दिनचर्या रात तक चलती थी जिसमें शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण के साथ-साथ पढ़ाई भी शामिल होती है.
विदेशी सैन्य अधिकारियों को देता है प्रशिक्षण
एनडीए ना सिर्फ भारतीय युवाओं को सेना के लिए तैयार करता है बल्कि पूरे विश्व के लगभग 28 देशों से लोग यहां पर प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं जिनका खर्च देश की सरकार वहन करती है.
कई गौरव
एनडीए यानी की नेशनल डिफेंस अकादमी से निकले लोगों ने पूरे विश्व में भारत के गौरव को बढ़ाया है.
1. 2 अप्रैल 1984 में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा एन डी ए से ही निकले थे.
2. एनडीए से प्रशिक्षण प्राप्त किये अनेकों लोगों ने सेना के सबसे बड़े पदों पर जाकर सेना और देश की सेवा की है.
3. वर्तमान सरकार में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भई एनडीए से ही प्रशिक्षण लिया है.
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