भारत की मुद्रा, सरकारी कार्यालयों और पुलिस की वर्दी में आपने अशोक के चिन्हों को देखा ही होगा. India के इतिहास की बात करें तो कई महान राजा यहां हुए, लेकिन सम्राट अशोक की एक अलग ही पहचान है. वह मौर्य वंश के तीसरे शासक थे और उन्होंने करीब 36 सालों तक पूरे भारत पर शासन किया.
ऐसा कहा जाता है कि शुरूआत में वो एक क्रूर और हिंसक सम्राट थे, लेकिन कलिंग के युद्ध के बाद उनकी अंतर आत्मा हिल गई और वो शांति प्रिय सम्राट में बदल गए. आपको बता दें सम्राट अशोक के जिन नौ पुरुषों की बात हम करने जा रहे हैं, उनके समुह का गठन इसी युद्ध के बाद ही हुआ.
सम्राट अशोक की उपलब्धियां
1. बौद्ध के अवशेषों को संग्रहित करने के लिए दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में 84,000 स्तूपों का निर्माण कराया.
2. Maurya Samrat के सबसे प्रतिष्ठित अवशेषों में से एक ‘अशोक चक्र’ और ‘सारनाथ का सिंह स्तंभ’ है.
3. इसके अलावा अशोक ने धमेक स्तूप, भरहुत स्तूप, सन्नति स्तूप, बुखारा स्तूप, बराबर की गुफाएं, महाबोधि मंदिर और सांची स्तूप जैसी इमारतों का निर्माण कराया. इसी के साथ ही नालंदा विश्वविद्यालय और तक्षशिला विश्वविद्यालय का भी निर्माण कराया.
अशोक के नौ अज्ञात पुरुषों का रहस्य
ये ऐसे लोगों का समूह था जो दुनियादरी से पूरी तरह से प्रथक हो गये थे. ये नौ पुरुष सांसारिक रहस्य तथ्यों के संरक्षक और अभिवावक के तौर जाने जाते थे. वे पूरी सभ्याताओं और पतन के वर्यवेक्षक थे, इसके बावजूजद वो कभी भी इन मामलो में हस्तक्षेप नहीं करते थे. इसी के साथ ही वो मानव जाति के उत्थान के लिए हमेशा कार्य करते थे.
इस समूह में विज्ञान के नौ अनुयायियों को चुना गया था और हर एक को मनुष्य जाति के विशिष्ट क्षेत्र से संबंधित ज्ञान के संकलन वाली पुस्तक दी गई थी. इनका काम ये होता था कि इस पुस्तक में नई बातों और अनुभवों जोड़ना और पहले से संकलित ज्ञान को संशोधित करना था.
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