बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती सारी दुनिया में बौद्धों का सबसे बड़ा त्योहार है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और यही उनकी ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ( मृत्यु ) का भी दिन है। यह पर्व वैशाख माह में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। आइये हम भगवान बुद्ध के अनमोल जीवन और उनकी शिक्षाओं के बारे में जानते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा, बौद्ध धर्म के लोगों का सबसे पवित्र त्यौहार है। बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती, वेसाक, वैशाका और बुद्ध जन्मदिन भी कहा जाता है। बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध कि याद में मनाया जाता है। यह वैसाखा में पूर्णिमा की रात (हिंदू कैलेंडर के अनुसार जो आम तौर पर अप्रैल या मई में पड़ता है) को प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

साथ ही अन्य देशों जैसे थाईलैंड में विशाखा, बुका, इंडोनेशिया में वैसाक और श्रीलंका और मलेशिया में वेसाक कहा जाता है। यह बड़े पैमाने पर भारत, नेपाल और बांग्लादेश में मनाया जाता है।
बुद्ध के जन्मदिन की जश्न तिथि मई के दूसरे रविवार को ताइवान सरकार द्वारा घोषित की गई थी। यह त्योहार पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में मनाया जाता है, लेकिन इसे मनाने का तरीका देश से देश और क्षेत्र से क्षेत्र में भिन्न होता है।
भगवान बुद्ध, बौद्ध धर्म के संस्थापक थे और उन्हें विष्णु का नौवां अवतार भी माना जाता है। यह बुद्ध पूर्णिमा का शुव अवसर था जिसमे कि बुद्ध भगवान के जीवन की तीन महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी थी, अर्थात उनके जन्म, उनके ज्ञान और उनकी मृत्यु (निर्वाण) हुई थी। ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया और उसी दिन उनका निधन हो गया।
भगवान बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में कपिलवस्तु के पास लुम्बिनी नामक स्थान पे हुआ था। बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। उनके पिता का नाम शुद्धोधन एवं माताजी के नाम मायादेवी था। उनके बारे में प्रचलित है कि एक दिन बुद्ध घर से बाहर निकले तो उन्होंने एक अत्यंत बीमार व्यक्ति को देखा, जब थोड़ा आगे गए तो एक बूढ़े आदमी को देखा तथा अंत में एक मृत व्यक्ति को देखा। इन सब दृश्यों को देखकर उनके मन में एक प्रश्न उठा कि क्या मैं भी बीमार पडूंगा, वृद्ध हो जाऊंगा, और मर जाऊंगा! इन प्रश्नों ने उन्हें बहुत ज्यादा परेशान कर दिया था। तभी उन्होंने एक सन्यासी को देखा और उसी समय ही उन्होंने मन ही मन सन्यास ग्रहण करने की ठान ली।
29 वर्ष की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया और सन्यास ग्रहण कर वे सन्यासी बन गए। महात्मा बुद्ध ने एक पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की खोज में छः वर्षों तक कठोर तपस्या की जहाँ उन्हें सत्य का ज्ञान हुआ जिसे “सम्बोधि” कहा गया। उस पीपल के पेड़ को तभी से बोधि वृक्ष कहा जाता है। महात्मा बुद्ध को जिस स्थान पर बोध या ज्ञान की प्राप्ति हुई उस स्थान को बोधगया कहा जाता है। महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था एवं उन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की। 483 ई.पू. में कुशीनगर में बैशाख पूणिर्मा के दिन अमृत आत्मा मानव शरीर को छोङ ब्रहमाण्ड में लीन हो गई। इस घटना को ‘महापरिनिर्वाण’ कहा जाता है।

बुद्ध पूर्णिमा पर निबंध Essay on Buddha Purnima in Hindi

गौतम बुद्ध का दिव्य जीवन व कथा Short Story of Gautama Buddha

भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में सिद्धार्थ गौतम के रूप में शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। वह एक वास्तविक ऐतिहासिक व्यक्ति थे, जो शाक्य के राजकुमार थे। यह राज्य आज के आधुनिक भारत और नेपाल के किनारे एक छोटा सा क्षेत्र है।
सोलह वर्ष की आयु में, सिद्धार्थ ने एक खूबसूरत महिला से विवाह किया और उनका एक बेटा था। उनके जीवन में एक अद्भुत मोड़ आया जब सिद्धार्थ पच्चीस वर्ष के थे। वह प्रथम बार महल के मैदानों से बाहर निकले। उन्होंने दुनिया के दुखी (वृद्धावस्था, बीमारी और मृत्यु) से लड़ते लोगों को देखा।
उन्होंने ज्ञान कि खोज के लिए अपनी पत्नी, बेटे और अपार धन को छोड़ दिया था। वह वर्षों तक कई स्थानों में घूमे और पच्चीस वर्ष की उम्र में वह बोध गया में पहुंचे, जहां वह एक पीपल पेड़ के नीचे बैठे थे। और अकेले ध्यान के चालीस दिनों के बाद उन्होंने निर्वाण, स्थायीता की स्थिति प्राप्त की।

समारोह और अनुष्ठान Celebration of Buddha Jayanti or Purnima

बुद्ध जयंती का मुख्य उत्सव बोध गया में होता है। बौद्ध धर्म के लोगों के लिए, बोध गया गौतम बुद्ध के जीवन से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। बोध गया श्राइन, बुद्ध की प्रबुद्धता की जगह को चिह्नित करती है। बोध गया भारत में बिहार के गया जिले में एक छोटा सा शहर है। बौद्ध पूर्णिमा के दिन भक्त मंदिरों में दान करते हैं।
यहाँ दुनिया भर से बौद्ध भक्त एक बड़ी संख्या में भगवान बुद्ध को उनके सम्मानित श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इकट्ठा होते हैं। रंगीन बौद्ध झंडे के साथ मंदिर और क्षेत्र को सजाने के अलावा, बौद्ध लोग रोशनी, मोमबत्तियां और दीयाओं के साथ अपने घर को सजाते हैं।
सुबह की प्रार्थना के बाद, भिक्षुओं के रंगीन जुलूस, बड़े प्रसाद के साथ पूजा, मिठाई का वितरण होता है। इस दिन आप बौद्ध धर्म के लोगों के घर, पठन मठों, धार्मिक हॉलों और घरों में बौद्ध ग्रंथों की प्रार्थना, उपदेश, गूंजते सुन सकते हैं।
इस दिन बौद्ध लोग स्नान करते हैं और केवल सफेद कपड़े पहनते हैं।  लोग भगवान बुद्ध की मूर्ति के समक्ष धूप, फूल, मोमबत्तियां और फल समर्पित करते हैं। महाबोधी वृक्ष जिसे “पीपल का पेड़” या पवित्र अंजीर के पेड़ के नाम से भी जाना जाता है, की पूजा की जाती है और प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। यह वह वृक्ष माना जाता है जिसके अंतर्गत भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ।
परंपरागत रूप से, बौद्ध शुद्ध शाकाहारी होते हैं। इसलिए सभी बौद्ध धर्म के व्यक्ति इस पवित्र दिन पर अपने घरों में शुद्ध-शाकाहारी भोजन बनाते हैं। घरों पर मुख्य रूप से खीर तैयार किया जाता है। पिंजरों से पक्षियों को मुक्त करना ज्यादातर जगहों पर इस दिन शुभ माना जाता है। वे अपने पूरे दिन बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं पर व्याख्या सुनते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा अनमोल वचन  (Buddha Purnima Vesak Quotes In Hindi )

“An idea that is developed and put into action is more important than an idea that exists only as an idea.”
विचार जो कि उत्पन्न होता हैं वह जब अधिक महत्वपूर्ण हैं जब उसे विचार भाव से कार्य में बदला जाए. अर्थात कथनी को करनी में बदला जाए तब कथनी का महत्व होता हैं.
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 “An insincere and evil friend is more to be feared than a wild beast; a wild beast may wound your body, but an evil friend will wound your mind.”
एक निष्ठाहीन अर्थात बुरा मित्र किसी जंगली जानवर से ज्यादा खतरनाक होता हैं क्यूंकि एक जंगली जानवर केवल आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता हैं जबकि एक बुरा दोस्त आपके दिमाग को आघात पहुँचा सकता हैं.
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 “Three things cannot be long hidden: the sun, the moon, and the truth.”
तीन चीजे बहुत दिनों तक नहीं छिपती सूर्य, चन्द्रमा और सत्य.
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 “All that we are is the result of what we have thought. The mind is everything. What we think we become.”
हम जो सोचते हैं वही फल होता हैं दिमाग सब कुछ हैं हम जो सोचते हैं वही बनते हैं.
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 “Peace comes from within. Do not seek it without.”
शांति अंतःकरण से आती हैं उसे बिना मन से मत खोजो.
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 “To understand everything is to forgive everything”
समझने के लिए माफ़ करना जरुरी हैं.
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 “You will not be punished for your anger, you will be punished by your anger.”
तुम खुद को अपने गुस्से के लिए सजा नहीं दोगे अपितु तुम्हारा गुस्सा तुम्हे सजा देगा.
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“Those who are free of resentful thoughts surely find peace.”
वह व्यक्ति जो आक्रोशित विचारो से दूर रहता हैं वह शांति पा लेता हैं.
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 “However many holy words you read,However many you speak,What good will they do you If you do not act on upon them?”
आप कितने भी पवित्र शब्द पढ़े कितने ही बोले वह जब तक कामगार साबित नहीं होंगे जब तक आप उन्हें अपने में शामिल ना करें.
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“We are shaped by our thoughts; we become what we think. When the mind is pure, joy follows like a shadow that never leaves.”
हम अपने विचारो से अपने आपको आकार देते हैं हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं जब दिमाग शुध्द होता हैं तब खुशियाँ परछाई की तरह साथ रहती हैं वो कभी नहीं छोड़ती.
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 “You cannot travel the path until you have become the path itself”
तुम राह जब तक पार नहीं कर सकते जब तक तुम खुद राह नहीं बनाते.
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 “A jug fills drop by drop.”
बूंद बूंद से घड़ा भरता हैं
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 “Believe nothing, no matter where you read it, or who said it, no matter if I have said it, unless it agrees with your own reason and your own common sense.”
किसी पर भी विश्वास मत करो, कोई फर्क नहीं पढ़ता तुमने कहाँ से पढ़ा, या किसने कहा, फर्क नहीं पढ़ता अगर मैंने भी यह कहा, तब तक सहमत ना हो जब तक तुम खुद अपने कारणों और अपने ज्ञान से इस बात पर यकीन नहीं करते.
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 “Even death is not to be feared by one who has lived wisely.”
जो बुद्धिमानी से रहता हैं उसे मृत्यु भी नहीं डरा सकती.
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 “There is nothing more dreadful than the habit of doubt. Doubt separates people. It is a poison that disintegrates friendships and breaks up pleasant relations. It is a thorn that irritates and hurts; it is a sword that kills.”
यहाँ कुछ भी इतना कष्टदायक नहीं हैं जितना कि शक करना.शक लोगो को अलग कर देता हैं यह एक जहर हैं जो दोस्ती और सुखी रिश्तो को तोड़ देता हैं यह एक कांटा हैं जो चिढ़ाता हैं तकलीफ देता हैं यह एक तलवार हैं जो मार देता हैं.
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 “The way is not in the sky. The way is in the heart.”
वह रास्ता ऊंचाई तक नहीं जाता जो दिल से नहीं गुजरता.

4 Comments

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