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भगवान शिव की कृपा चाहिए, तो न करें सावन के महीने में ये पांच काम
हिन्दू पंचांग के हिसाब से श्रावण महीने का एक विशेष महत्व है, क्योंकि यह महीना शिव जी की भक्ति का महीना है. श्रावण महीने को आम भाषा में सावन भी कहा जाता है. हिन्दू धर्म में इस महीने के बारे में यह कहा जाता है कि इस महीने भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
भगवान शिव को आशुतोष भी कहा जाता है जिसका मतलब है वह बहुत आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ पूरे महीने बनी रहती है. सावन का महीना शिव भक्ति का महीना है, लेकिन हमारे शास्त्रों में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया जो इस महीने हमें नहीं करने चाहिए. आइये जानते हैं इनके बारे में
1. शिव जी की पूजा करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हम हल्दी शिवलिंग पर न चढ़ाए क्योंकि शिवलिंग भगवान शिव के पुरुषत्व का प्रतीक है और हल्दी स्त्री से संबंधित वस्तु है.
शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ा कर हम हल्दी, जलाधारी जो कि पार्वती जी की योनि का प्रतीक उस पर चढ़ा सकते हैं. जलधारी स्त्री तत्व का प्रतीक, जो माता पार्वती की शक्ति का भी प्रतीक है.
2. जहां तक संभव हो आप सावन में दूध न पिए. इस महीने में दूध पीना वर्जित है. यह तो हम जानते हैं कि जिस वस्तु को दुनिया त्याग देती है उसे भगवान शिव अपना लेते हैं. इसलिए इस महीने में भगवान शिव को दूध चढ़ाने की परम्परा है, क्योंकि सावन महीने में दूध हम लोगों के लिए त्याज्य है. डॉक्टरों की माने तो इस महीने में दूध पीने से आपको वात की समस्या हो सकती है. इसलिए इस महीने हमे दूध नहीं पीना चाहिए.
3. अक्सर डॉक्टर हम लोगों को हरी सब्जी खाने की सलाह देते हैं, लेकिन सावन महीने में यह सब्जियां आपके लिए नुक्सानदायक साबित हो सकती हैं. सावन महीने में साग में वात बढ़ाने वाले तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है.
वैज्ञानिकों का तर्क माने तो सावन महीने में साग (हरी पत्तेदार सब्जी) के साथ कई घास फूस उग आते हैं, जो सेहत के लिए बहुत नुक्सानदायक होते हैं.
4. साग के अलावा सावन महीने में बैंगन खाना भी वर्जित है. बैंगन न खाने का धार्मिक मत यह है कि सावन महीने में यह अशुद्ध होता है. वैज्ञानिकों की माने तो सवान महीने में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं. ऐसे में बैंगन हमारी Health पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है.
5. सावन महीने में हमें बुरे विचारों से बचना चाहिए. बुरे विचारों में जैसे दूसरे को नुक्सान पहुंचाना, बुरा काम करने की योजना बनाना, स्त्रियों के बारे में गलत सोचना जैसे कई बुरे ख्यालों से हमे बचना चाहिए. शास्त्रों में लिखा है कि मन में इस प्रकार के विचार आने से हमारा मन शिव भक्ति में पूर्ण रूप से नहीं लग सकता.
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