शिव से लेकर शनि तक सबको प्रिय है शमी, जानिए शमी के पेड़ से जुड़ी कुछ रोचक बातें

हिंदू धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधों का जिक्र है जिनकी पूजा करने से हमें विशेष फल की प्राप्ति होती हैं. उन पेड़ों में तुलसी, नीम, बरगद प्रमुख हैं. इन्ही पेड़ पौधों में शमी के पेड़ का भी एक विशेष महत्व है.
शमी का पेड़ घर में लगाने से हमेशा घर में सुख शान्ति बनी रही है. हिन्दू धर्म में ऐसी भी मान्यता है कि इसकी पूजा करने से सभी देवी देवताओं की कृपा बनी रहती है. भगवान शिव से लेकर शनि और गणेश तक सभी को यह बहुत प्रिय है. इसलिए सावन के महीने में भगवान शिव के श्रृंगार में इसकी पत्तियों का अलग ही महत्व है.

शनि के प्रकोप से बचाता है शमी-

हिन्दू धर्म में शनि को न्याय का देवता कहा जाता है. ऐसा माना जाता है व्यक्ति के समस्त अच्छे बुरे कार्यों का फल भगवान शनि ही देते हैं. वैसे तो शास्त्रों में शनि के प्रकोप को कम करने के लिए कई उपाय बताये गए हैं, लेकिन उन सभी में प्रमुख है शमी वृक्ष की पूजा. घर में इसका पौधा लगाकर पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं बड़ी आसानी से दूर हो जाती है.


हमारे शास्त्रों में शनि की बुरी नजर से बचने के लिए दो पेड़ों की पूजा करने के बारे में बताया गया है, एक है पीपल और दूसरा शमी. पीपल का पेड़ घर में लगा पाना सामान्यतः संभव नहीं हो पाता क्योंकि वह आकार में काफी बड़ा होता है. इसलिए पीपल के स्थान पर हम शमी का वृक्ष लगाकर उसकी पूजा कर सकते हैं. वास्तु शास्त्र की माने तो नियमित रूप से इस पेड़ के नीच सरसों के तेलका दीपक जलाने से शनि के प्रकोप से बड़ी आसानी से बचा जा सकता है.

भगवान शिव और गणेश को है अत्यधिक प्रिय-

वैसे तो इसमें कई देवी-देवताओं का निवास होता है, लेकिन इसे भगवान शिव और गणेश का प्रिय माना जाता है. इसलिए शिव और गणेश की पूजा अर्चना में शमी की पत्तियों को चढाने का विशेष महत्व है.

आयुर्वेद में भी इस पेड़ की पत्तियों के कई फायदे बताएं गए हैं. इसकी पत्तियों, तने, और जड़ का इस्तेमाल कई रोगों जैसे लकवा, मानसिक विकार आदि से बचने के लिए किया जाता है.

यज्ञ में भी होता है इस्तेमाल-

सभी देवी देवताओं का प्रिय होने की वजह से शमी की वृक्ष की लकड़ियों का इस्तेमाल यज्ञ की वेदी बनाने में भी किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कालिदास को शमी के वृक्ष के नीचे ही तपस्या करने से ज्ञान प्राप्ति हुई थी.

प्रेत बाधाएं भी करता है दूर-

शमी की पत्तियों और तने के अलावा इसके कांटो का भी एक विशेष महत्व है. तंत्र साधना, प्रेत बाधा और नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाने में इसके कांटो का प्रयोग किया जाता है.

दशहरे के दिन है विशेष महत्व-

दशहरे के दिन इस वृक्ष की पूजा करने का एक अलहग ही महत्व है. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी वृक्ष के सामने ही अपने विजय की प्रार्थना की थी.

इसके अलावा नवरात्र के नौ दिनों में हर शाम शमी की पूजा करने से धन की भी प्राप्ति होती है.

घर के किस तरफ लगाएं शमी का पेड़-

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि इसे घर के किस तरफ लगाएं . शमी वृक्ष को घर के मुख्य दरवाजे के बायीं तरफ लगाएं.
इसके बाद नियमित रूप से आप उसकी पूजा करें और हो सके तो नियमित रूप से शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जरुर जलाएं.

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