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नोबेल पुरस्कार के बारे में रोचक तथ्य - Amazing Facts About Nobel Prize in Hindi

नोबेल पुरस्कार के बारे में रोचक तथ्य - Amazing Facts About Nobel Prize in Hindi

आज हम आपको बताएगे दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार Nobel Prize (नोबेल पुरस्कार) के बारे में। ये पोस्ट थोड़ी सी लंबी हो सकती है कोशिश की है कि इसमें आपके हर सवाल का जवाब दिया गया हो और ये आपके लिए ज्ञानवर्धक भी हो। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है…

1. Nobel Prize की शुरूआत, बारूद (dynamite) बनाने वाले “Alfred Nobel” के नाम पर की गई थी।
2. नोबेल पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार है। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की शुरूआत सन् 1968 में हुई।
3. Alfred Nobel ने मरने से पहले अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए रख दिया था। उनकी इच्छा थी, कि इन पैसो के ब्याज से हर साल उन लोगो को सम्मानित किया जाए जिन्हें मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया गया। ये पैसे स्वीडिश बैंक में जमा है और इन्हीं के ब्याज से हर साल नोबेल पुरस्कार दिया जाता है।
4. 1901 से लेकर 2015 तक कुल 573 नोबेल पुरस्कार बाँटे गए है। अभी तक 5 ऐसे लोगो को Nobel Prize मिल चुका है जिनके पास भारतीय नागरिकता है और 3 ऐसे लोगो को जो भारतीय मूल के है।
5. Physics (भौतिकी), Chemistry (रसायन), Literature (साहित्य), Physiology or Medicine (चिकित्सा और विज्ञान) and Economic Sciences (अर्थशास्त्र) में Nobel Prize, Sweden की राजधानी Stockholm में दिया जाता है। लेकिन Nobel Peace Prize (नोबेल शांति पुरस्कार), Norway की राजधानी Oslo में दिया जाता है।
6. एक नोबेल पुरस्कार ज्यादा से ज्यादा 3 लोगो को ज्वाइंट रूप से दिया जा सकता है इससे ज्यादा को नही।
7. सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई है। जिसे 17 साल की उम्र में शांति का नोबेल दिया गया।

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8. आज की तारीख तक धरती पर सिर्फ दो इंसान ही ऐसे है जिन्हें Nobel & Oscar दोनो मिले है। पहला “George Bernard Shaw” जिसने 1925 में साहित्य में नोबेल और 82 साल की उम्र में 1938 में ऑस्कर जीता। दूसरा “Bob Dylan” जिसे 2000 में ऑस्कर और 2016 में साहित्य में नोबेल मिला।
9. चार लोगो को अभी तक दो बार नोबेल प्राइज मिल चुका है। लेकिन धरती पर “मैरी क्यूरी” एकमात्र ऐसी महिला हुई है, जिसे 2 बार Nobel Prize मिला है। पहला 1903 में फिजिक्स में (रेडियोएक्टिविटी समझने के लिए) और दूसरा 1911 में केमिस्ट्री में (पोलोनियम व रेडियम की खोज करने के लिए)। मैरी क्यूरी के परिवार को अब तक 5 नोबेल पुरस्कार मिल चुके है। इनके परिवार को Nobel Machine के नाम से भी जाना जाता है। (है ना जबरदस्त, एक ही परिवार में 5 नोबेल प्राइज )
10. इतिहास में 2 बार ऐसा भी हुआ है कि किसी ने अपना नोबल मेडल ही बेच दिया हो। दरअसल, 1962 में DNA Structure खोजने वाले James Watson ने अपना नोबेल मेडल 30 करोड़ रूपए में बेच दिया था। कारण: जातिवाद। दूसरा 1988 में फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले Leon M. Lederman ने 5.2 करोड़ रूपए में अपना मेडल बेच दिया था। कारण: बीमारी
11. इतिहास में 2 बार ऐसा भी हुआ है, कि किसी ने नोबेल प्राइज ही लेने से मना कर दिया हो। 1964 में Jean-Paul Sartre ने साहित्य का और 1973 में Le Duc Tho ने शांति का नोबेल लेने से मना कर दिया।
12. ICRC (International Committee of the Red Cross) को 3 बार (1917, 1944 और 1963) शांति के नोबल से सम्मानित किया जा चुका है। दुनिया का पहला पहला नोबेल पुरस्कार Red Cross के संस्थापक Henry Dunant और French Peace Society के संस्थापक Frederic Passt को सन् 1901 में ज्वाइंट रूप से दिया गया था।
13. रूस के Leonid Hurwicz सबसे ज्यादा उम्र में नोबेल प्राइज जीतने वाले वैज्ञानिक हैं। उन्हें 90 साल की उम्र में इकॉनोमिक साइंसेज कैटेगरी में नोबेल प्राइज से नवाजा गया था।
14. यदि देशों पर नजर डाली जाए तो सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार पाने वाले देशों में अमेरिका पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर जर्मनी, इसके बाद ब्रिटेन और फ्रांस का नंबर आता है।
15. 1974 में ये निर्णय लिया गया कि मरने के बाद नोबेल पुरस्कार नही दिया जाएगा। लेकिन यदि किसी की मौत नाम की घोषणा होने के बाद हो जाती है तो उसे नोबेल प्राइज दिया जाता हैं।
16. नोबेल जीतने वाले नामों की घोषणा पहले ही एडवांस में कर दी जाती है लेकिन नोबेल पुरस्कार हर साल 10 दिसंबर को ही दिया जाता हैं इसी दिन Alfred Nobel की मृत्यु हुई थी।
17. Q. Nobel Prize में क्या-क्या दिया जाता है ?
Ans. Nobel Prize जीतने वाले को तीन चीजें दी जाती है:
1. Nobel Diploma. 2. Nobel Medal. 3. Nobel Prize amounts. (approx. $10 lakh).
18. Q. नोबेल पुरस्कार क्यों शुरू किया गया ?
Ans. 1888 में एक अखबार ने अलफ्रेड नोबेल के मरने की खबर छाप दी। जबकि असलियत में मौत उनके भाई की हुई थी। अखबार में लिखा था “मौत के सौदागर की मौत”। अखबार ने डायनामाइट के अविष्कार की बहुत निंदा की। अपनी ही मौत की खबर पढ़कर नोबेल को गहरा सदमा लगा। उन्होनें सोचा क्या मौत के बाद दुनिया उन्हें इसी नाम से पुकारेगी। इसलिए उन्होनें एक वसीयत लिखी जिसमें उसने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए अलग रख दिया। और आज लोग इन्हें मौत के सौदागर के नाम से नही बल्कि सबसे बड़े पुरस्कार के नाम से जानते है।
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