1. डॉ. बी.आर. अंबेडकर का पूरा नाम डा. भीमराव रामजी अंबेडकर था। डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मऊ, मध्य प्रदेश, भारत में हुआ था।
2. इनका जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था। वे रामजी मालोजी सकपाल एवं भीमाबाई की संतान थे।
3. भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं और आखिरी संतान थे।
2. इनका जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था। वे रामजी मालोजी सकपाल एवं भीमाबाई की संतान थे।
3. भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं और आखिरी संतान थे।
4. डॉ. अंबेडकर का मूल नाम अम्बावाडेकर था। लेकिन उनके शिक्षक, महादेव अंबेडकर, जो उन्हें बहुत मानते थे, ने स्कूल रिकार्ड्स में उनका नाम अम्बावाडेकर से अंबेडकर कर दिया।
5. उन्होंने अमेरिका के कोलम्बिया विश्वविद्यालय से सन 1915 में अर्थशास्त्र से एम.ए. किया।
5. उन्होंने अमेरिका के कोलम्बिया विश्वविद्यालय से सन 1915 में अर्थशास्त्र से एम.ए. किया।
6. इसके बाद प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्री सेलिगमैन के मार्गदर्शन में अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय से 1917 में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
7. वे विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे।
8. बाबा साहेब मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दो साल तक प्रिंसिपल पद पर कार्यरत रहे।
9. डॉ. अंबेडकर एक प्रसिद्द भारतीय विधिवेत्ता थे। उन्होंने अपना सारा जीवन भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया।
10. उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी माना जाता है।
10. उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी माना जाता है।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर का जीवन परिचय और 20 रोचक तथ्य
11. डॉ. अंबेडकर स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बने।
12. वे भारतीय संविधान की धारा 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता है, के खिलाफ थे।
13. बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया।
14. डॉ. अंबेडकर को 'बाबा साहेब' के नाम से भी लोकप्रियता प्राप्त हुई।
15. डॉ. अंबेडकर ही एक मात्र भारतीय हैं जिनकी पोर्ट्रेट (चित्र) लन्दन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।
16. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय भी डॉ. अंबेडकर को जाता है।
17. अर्थशास्त्र में नोबेल प्राइज जीत चुके अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन डॉ. बी.आर. अंबेडकर को अर्थशास्त्र में अपना पिता मानते हैं।
18. अंग्रेज़ी में उनकी रचनावली 'डॉ. बाबा साहब आम्बेडकर राइटिंग्स एंड स्पीचेज' नाम से महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रकाशित की गई है।
19. हिन्दी में उनकी रचनावली 'बाबा साहब डॉक्टर आम्बेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय' के नाम से भारत सरकार द्वारा प्रकाशित की गई है।
20. डॉ. अंबेडकर को भारतीय बौद्ध भिक्षुओं ने बोधिसत्व की उपाधि प्रदान की थी।
B R Bhimrao Ambedkar in Hindi / भीमराव आंबेडकर जीवन परिचय
B R Ambedkar 1. 14 अप्रैल 1891, के दिन मध्यप्रदेश के महू गांव में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई के घर चौदहवीं और आखिरी संतान पैदा हुई थी. नाम रखा गया ‘भीमराव अंबाडवेकर’. जो समय के साथ-साथ ‘बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर’ बन गया.
भीमराव अम्बेडकर शिक्षा
B R Ambedkar 2. अंबेडकर की शादी 1906 में नौ साल की रमाबाई से हुई थी. 1908 में वे एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लेने वाले पहले दलित बच्चे बनें.
B R Ambedkar 3. भीमराव अंबेडकर करीब 9 भाषाएँ जानते थे. उन्होनें 21 साल तक लगभग सभी धर्मों की पढ़ाई भी की थी.
B R Ambedkar 4. भीमराव अम्बेडकर के पास कुल 32 डिग्री थी. वो विदेश जाकर अर्थशास्त्र में P.H.D. करने वाले पहले भारतीय थे. नोबेल प्राइज जीतने वाले अमर्त्य सेन अर्थशास्त्र में इन्हें अपना पिता मानते थे.
B R Ambedkar 5. बी आर अंबेडकर पेशे से वकील थे. वो 2 साल तक मुंबई के सरकारी लाॅ काॅलेज में प्रिंसिपल भी बनें.
Dr. B R Ambedkar की जाति और धर्म
B R Ambedkar 10. भीमराव अम्बेडकर हिंदू महार जाति के थे. जिसे अछूत माना जाता था.
B R Ambedkar 11. जब अम्बेडकर को लगने लगा कि मैं हिंदू धर्म से जातिप्रथा दूर नही कर सकता तो उन्होनें गुस्से में एक बात कही थी ‘मैं हिंदू पैदा तो हुआ था लेकिन हिंदू मरूंगा नही‘. और वही हुआ.
B R Ambedkar 12. भीमराव अंबेडकर ने हिन्दू धर्म छोड़ते समय 22 वचन भरे थें. उन्होनें कहा था, मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते है, कि कभी पूजा नही करूंगा.
B R Ambedkar 13. अम्बेडकर ने 1956 में अपना धर्म बदलकर बौद्ध धर्म अपना लिया था. जिसके कारण, उनके साथ लाखों दलितों ने ऐसा किया.
क्या देश में आरक्षण की शुरूआत भीमराव अम्बेडकर ने की ?
B R Ambedkar 14. दरअसल, देश में आरक्षण की शुरूआत अंबेडकर ने नही बल्कि कोल्हापुर के महाराजा छत्रपति साहूजी महाराज ने 1901 में पिछड़े वर्ग से गरीबी दूर करने के लिए की थी. उसके बाद ये चलता रहा और 1943 में अंबेडकर ने नेशनल लेवल पर अनुसूचित जातियों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण की मांग की. ये सपना पूरा हुआ अंबेडकर के संविधान समिती का अध्यक्ष बनने के बाद. शुरूआत में सिर्फ 10 साल के लिए आरक्षण दिया गया. लेकिन उसके बाद से इसे बढ़ाया ही जा रहा है.
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