Headlines
Loading...
Tata Airlines कैसे बदली Air India में, जानिए पूरी कहानी

Tata Airlines कैसे बदली Air India में, जानिए पूरी कहानी

अभी कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहा था कि अगर उन्हें मौका मिला तो वो घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेच देंगे. दरअसल एयर इंडिया 52000 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है और इस वजह से उन्होंने ऐसा बयान दिया था. मीडिया में छपी खबर के मुताबिक सरकार एयर इंडिया को खरीदने के लिए Tata Group से बात भी कर रही है. हालांकि टाटा ग्रुप ने अभी इस खबर की कोई पुष्टि नहीं की है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो एयर इंडिया फिर से अपने पुराने दौर में चली जायेगी.

जेआर डी टाटा ने की स्थापना –

अप्रैल 1932 में मशहूर उद्योगपति जेआरडी टाटा ने इसकी स्थापना की थी. तब इसका नाम एयर इंडिया नहीं था. उस समय इसका नाम टाटा एयर लायंस था.

जेआरडी टाटा ने 15 साल की उम्र में ही हवाई जहाज उड़ाना शुरू कर दिया था, लेकिन तब उन्होंने इसे पहली बार अपनी शौक के लिए उड़ाया था.

Tata Airlines  की पहली व्यावसायिक उड़ान –

जेआरडी टाटा ने अपनी पहली व्यावसायिक उड़ान 15 अक्टूबर को भरी थी. उस समय वो सिंगल इंजन वाले ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हावाई जहाज को अहमदाबाद से होते हुए कराची से मुंबई ले गए थे. उनकी इस उड़ान में कोई सवारी नहीं थी, बल्कि 25 किलो चिट्ठियां थी. यह चिट्ठियां लंदन से ‘इम्पीरियल एयरवेज’ के जरिए कराची लाई गयी थीं.

फिर वो नियमित रूप से डाक ले जाने में इसका इस्तेमाल करते थे. मगर ब्रिटिश सरकार टाटा एयर लायंस को इसके लिए कोई आर्थिक मदद नहीं देती थी. सिर्फ हर चिट्ठी पर चार आने देती थी. शुरूआत में टाटा एयरलाइंस का ऑफिस मुंबई के जुहू के पास एक मिट्टी के मकान में होता था और वहां पर मौजूद मैदान को, रनवे के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.

जब Tata Airlines बनी Air India:

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद टाटा एयरलायंस, पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गयी और टाटा एयरलाइन्स का नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड रखा गया. साल 1947 में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी ले ली थी.

3 comments